Thursday, July 19, 2012

पेट तुम घबराना नहीं

चाहे आँधियों की फुहार हो
चाहे बरसा बन बयार हो.. 
तुम कभी हिलो नहीं .. 
तुम बस डटो वहीँ.. 
वो दवन दल था तेज था.. 
वो बिन कुर्शियों की मेज था..
india tv मैं आया सनसनीखेज़ था..
ये तुम की घबराना नहीं..
और बाद मैं पछताना नै..
अब हाल कर ही देन बयां की..
पेट तुम घबराना नहीं..

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