चाहे आँधियों की फुहार हो
चाहे बरसा बन बयार हो..
तुम कभी हिलो नहीं ..
तुम बस डटो वहीँ..
वो दवन दल था तेज था..
वो बिन कुर्शियों की मेज था..
india tv मैं आया सनसनीखेज़ था..
ये तुम की घबराना नहीं..
और बाद मैं पछताना नै..
अब हाल कर ही देन बयां की..
पेट तुम घबराना नहीं..
चाहे बरसा बन बयार हो..
तुम कभी हिलो नहीं ..
तुम बस डटो वहीँ..
वो दवन दल था तेज था..
वो बिन कुर्शियों की मेज था..
india tv मैं आया सनसनीखेज़ था..
ये तुम की घबराना नहीं..
और बाद मैं पछताना नै..
अब हाल कर ही देन बयां की..
पेट तुम घबराना नहीं..
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