Ravi S. Singh
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Wednesday, August 15, 2012
करो प्रण, हो एकजुट सब बंधन तोडो
करो प्रण, हो एकजुट सब बंधन तोडो
एक रक्त के बिज से बने हो..
सबकी एक ही माता
पिया वही दूध, खायी वही मिटटी
ऐ! भारत के भाग्य निर्माता
क्या बकते हो – ‘ब्राह्मण – दलित’
जंजीरें तोड़ो
करो प्रण, हो एकजुट अब नाते जोड़ो
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- Ravi S. Singh
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