Monday, August 27, 2012

घोष बाबु

हमारे बारे अच्छे मित्र हैं जब भी बोलते हैं निरीह type का लगते हैं.. आज भी बोले की ये मनमोहन जी कितने अच्छे हैं और न जाने कैसे कैसे घिनौने लोगों ने इन्हें बिना मतलब का ठोक रखा है.. कभी 2G तो कभी कोयला.. ?
घिनौना शब्द मुझे तड़ से लगा.. तो मैंने पूछ ही लिया की घोष बाबु जो इनका विरोध करे वो घिनौना कैसे और ये किसने आपको कह दिया? तो बोले सब ही तो कह रहे हैं..
:D :D :D

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