ये बिच बिचौअल .. मन मनुअल करते हैं..
शायद ये सच है खोटे सिक्के खनकते हैं..
ये दुशरों के चमक से चमकते हैं..
ये सच है खोटे सिक्के ही चमकते हैं..
इनका रोना और चीखना आह्वान होता है..
इनका प्रलोभन दिल चिर निकल जाता है..
ये राह कसाई का बतलाते हैं..
ये सच है खोटे सिक्के खनकाते हैं..
जब राह पकरी तब राह मोड़ा..
थे राह मैं पड़े और राह छोड़ा
ये सच्ची आग उगलते हैं..
ये सिक्के सच बोलते हैं..
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