Friday, May 25, 2012

मंद मोहन और खिलानी..


मंद मोहन और खिलानी..
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खिलानी :
अरे मंद मोहन प्यारे..
क्या cool लग रहा है वाह रे..
शादी शुदा होके भी लगते हो कुंवारे..
हमारी तो अब दोस्ती की बात भी क्या रे?
कभी आओ हमारे द्वारे..
इस बार ना लाना लारे..
लैला मजनू ले बाद जिक्र होंगे हमारे.

friendship के favourite राजदुलारे
ऐसा रिश्ता जुड गया दरमयान मेरे और तुम्हारे..
मैं मशाला तुम पापर करारे..
मैं रम्भा तुम आरे..
मैं शेर तुम चबा रे..
मैं शुर तुम फबारे//
मैं बोलूं तुम जा रे..
मैं वजनी तुम भाड़े
मैं शतुत जिलेबा तुम ठण्डा उठा रे..
मैं 2+2 तुम चारे..
मंद मोहन:
अरे भैया खिलानी..
तुमने क्या छेर दी कहानी..
अपनी दोस्ती है.. कुछ अरसे के लिए ला पानी..
मिसालें ठीक दे तुमने जरा खुल के थी समझनी..
जैसे मैं गिलास तुम पानी..
मैं दिलबर तुम जानी..
मैं कदर तुम दानी..
मैं कढ़ाई तुम बिरयानी...
मैं भरपूर तुम जवानी..
मैं छटी का दूध तुम नानी..
छल्ला दे जा निशानी तेरी मेहरबानी..
खिलानी:
खड़े है.. सीधे हैं.. ईमानदार हैं.. सच्चे हैं..
मुझे रातों रात अंदाजा हुआ आप कितने अच्छे हैं..
आपको फावोरेट नेसन मान के साथ चलना है..
दस्ताने पहन कर ले हाथों मैं हाथ चलना है...

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